‘ तू इस दिल में आज भी जिंदा है “
तुझे सुला कर भी वहाँ आया हूँ जहाँ सारे ही सोए हैं ,
एसे कैसे तू जग जाएगी ?
ढंककर आया हूँ तुझे बड़े प्यार से ,
बाहर ना आना वरना इन लोगों की नजर लग जाएगी ,
इश्क अपना ये अब कामिल हुआ है ,
जहाँ बस मैं और तू मिलते हैं ,
बैठकर तेरे पास में ,
फिर से दिल के कमल खिलते हैं ,
मैं फूल भी तेरे पसंद के लाता हूँ ,
जो कलियाँ टूटी हैं उन्हें बिखेर आता हूँ ,
मैं खोकर तेरे मोह में ए दिल ,
घर लौट कर आने में कर देर आता हूँ ,
तू हकीकत में तो साथ नही मेरे ,
पर ख्वाबों में तेरा होता मधुर एहसास है ,
ये जमाने वाले क्या समझेंगे ,
की तू मेरे लिए कितनी खास है ,
बस फर्क इतना है कि ,
तू नींद से उठती ही नही है ,
पर ये भी ठीक है ,
इन पत्थरों से दिल लगाना भी सही नही है ,
कभी कभी काम में फँस कर ,
आता थोड़ा लेट हूँ ,
पर एसा कोई दिन भी नही गया ,
जब तुझसे करता नही भेंट हूँ ,
हँसी सी आती है लोग मुझे पागल कहते हैं ,
कहते हैं ना जाने इस पागल की कौन सी भावनाएँ जगी हैं ,
मैं मन ही मन तुझे सोचकर मुस्कुराता हूँ और कहता हूँ ,
ये नादान क्या समझेंगे की क्या होती दिल्लगी है ,
हो सकेगा अगर तो अपने जीवन के बदले ,
मैं तेरी जिंदगी उधार लूँगा ,
मैं तेरी चाहत में ए दिल ,
यूँ ही सदियों पहर गुजार दूंगा ,
मन में मोह लिए हुए ,
आँखों में लिए हुए तेरी माया हूँ ,
तू सो बेफिक्र होकर ,
मैं यहाँ तेरी छाया हूँ ,
सपनों में तू मिलती तो है ,
पर मुझे तुझे लेकर कहीं दूर जाना है ,
जो खो सा दिया है मैंने ,
मुझे तेरे साथ वो सब पाना है ,
पहनकर हर रोज तेरे पसंद की आता कमीज हूँ ,
भले ही लोगों को मैं भाता बत्तमीज हूँ ,
ये कैसे समझेंगे की इतना खास क्यूँ ये कपड़ा है ,
इसे पहनकर तेरे सामने आने को ये दिल कितना तड़पा है ,
ना जाने क्यूँ लोग तुझे मरा हुआ कहते हैं ,
मुझे इस बात से कड़ी निंदा है ,
कोई आए और मेरे दिल से पूछे ,
ए दिल तू इस दिल में आज भी जिंदा है ,
हमारी चाहतों के हमने बसाए जो सपने थे ,
मैं धीरे धीरे उनको कर रहा मुकम्मल हूँ ,
तू जैसे मेरी आज है ,
मैं वैसे ही तेरा आने वाला कल हूँ ,
तू तो आजाद हो गई ,
और मैं यहाँ कैद परिंदा हूँ ,
तु मुझसे पहले चली गई ,
बस मैं इस बात से शर्मिन्दा हूँ ,
कल फिर हम यहाँ मुलाकात करेंगे ,
जो भी बाकी रह गई है वो पूरी बात करेंगे ,
चल छोड़ बहुत बातें कर ली अब तू सो जा ,
वरना कल फिर मुझे पछतावा होगा की ये मैंने क्या किया ,
खुद तो जगा रहा रात भर ,
तुझे भी उम्र भर सोने ना दिया…
Thanks For Reading – Wese sach me Tu Iss Dil Me Aaj Bhi Jinda Hai
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