सुनो,
कुछ बातें कहनी है तुम्हें कुछ बातें जो तुम जानते हो और कुछ बातें जो तुम्हें जाननी चाहिए
मैं तुमको प्यार दूंगी
इतना प्यार जो किसी और को तो क्या
मैं खुद को भी नहीं दे पायी
या शायद उससे भी ज्यादा
खुद से बढ़कर चाहूंगी तुम्हें हमेशा
मैं, हमारे रिश्ते में कभी भी
दुनिया की बनायी रीतियों को
बीच में आने नहीं दूंगी
मतलब ये कि, मैं नहीं झगडूंगी तुमसे
ये कहकर की तुम लड़के हो तो
इजहार तुमने पहले क्यों नहीं किया??
ना तो उठवाऊंगी तुमसे शॉपिंग बैग्स…
बल्कि मैं करूंगी हर वो मुमकिन कोशिश जिससे तुम्हारे प्रति मेरा स्नेह जाहिर हो सके
मैं लिखूंगी तुम्हारे लिए नज्में कविताएं प्रेम कहानियां
और हर रोज तुम्हें सुनाया करूंगी
नींद जब कोसों दूर होगी तुम्हारी छोटी गहरी आंखों से तो गोद में रखकर सिर तुम्हारा तुम्हारे बाल सहलाया करूंगी
होगे जब कभी उदास तुम लेकर हाथों में गिटार बेसुरा ही सही लेकिन कुछ गाकर सुनाया करूंगी
मैं तुम्हारा हर हाल में ख्याल रखूंगी
उतना जितना एक मां अपनी संतान का रखती है
शायद, उससे भी ज्यादा
तुम्हारा कोई भी दर्द कोई भी तकलीफ चाहे कितनी ही मामूली क्यों ना हो
मेरे लिए तुम्हें उससे निजात दिलाना मेरी प्राथमिकता होगी
मैं तुम्हें हर वो चीज देने का प्रयास करूंगी जिससे तुम वंचित रहे हो
जिसकी तुम्हें कभी भी चाह रही हो
जिसका तुमने दिन रात इंतजार किया हो
जिसके तुमने सपने संजोए हो
कितने ही रैन उसके ख्वाब बुनने में बिताए हो
वो हर एक चीज जिसके ख्याल से भी तुम तनिक भी मुस्कुराए हो,
जिसके होने के ख्याल से
तुम्हारे चेहरे पे चमक आती हो
वो हर एक चीज हर एक बात मैं तुम तक पहुंचाऊंगी
तुम्हारे साथ हरेक मंदिर और गुरूद्वारे जाऊंगी
तुम्हारे द्वारा मांगी गई हर मन्नत को पूरा करूंगी
तुम्हारे साथ बारिश में नाचूंगी
हर रात छत पर तुम्हारे साथ हाथों में लेकर तुम्हारा हाथ बैठूंगी सिरहाने तुम्हारे
जब देख रहे होंगे तुम सितारों से भरे आसमां को
मैं देखूंगी एकटक तुम्हें और यकायक तुम्हारा माथा चूम लूंगी
तुम चाहत एक की करोगे मैं बदले में तुम्हें हजार खुशियों से नवाजूंगी
सर्दियों में हर सुबह तुम्हारे लिए अदरक वाली चाय बनाऊंगी
गर्मियों में बिना तुम्हारे कहे कोल्डड्रिंक तुम्हारे हाथ में दे जाऊंगी (जुकाम रहा तब नहीं)
उतने अच्छे बनते नहीं मुझसे फिर भी बरसात में पकौड़े हर बार बनाऊंगी (थोड़ी मदद करनी होगी)
मैं वक्त नहीं देखूंगी कभी
चाहे हो कोई भी ऋत, मौसम, सहर, दोपहर, रात, देर रात, नींद या हो कोई ख्वाब
सबमें मैं तुम्हें प्यार दूंगी
अनंत और अथाह प्यार
मैं कहूंगी नहीं कि मैं प्यार करती हूं तुमसे
क्योंकि प्यार किया नहीं जाता
प्यार तो दिया जाता है
और मुझमें जितना है
उससे कई गुना अधिक प्यार
मैं तुम्हें देना चाहती हूं
तुमसे कुछ नहीं चाहिए मुझे
क्योंकि मुझे मालूम है जो मेरे लिए है वो मुझे मिलेगा ही
तुम करना बस इतना कि
कभी कभी कुछ छोटी छोटी खुशियां
मेरे नाम कर देना
बेवजह रूठना समझ लो आदत है मेरी
तो बिना पूछे कोई सवाल
तुम बस गले लगा कर मुझे मना लेना
और बस ताउम्र “मेरा हाथ थामे रहना”
इतना करोगे ना तुम ??
*किसी को भी ज्यादा सोचने की जरूरत नहीं है 🤭
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