कहाँ का इश्क़ हिंदी कविता | Kahan ka Ishq Hindi Kavita
कहाँ का इश्क़ कैसी मोहब्बत हम रंज में ही रहते तो अच्छा होता वो पहली दफा तुम हस …
कहाँ का इश्क़ कैसी मोहब्बत हम रंज में ही रहते तो अच्छा होता वो पहली दफा तुम हस …
मैं अक्सर तारों के शहर में घूमने निकल पड़ता हूँ जहाँ ना औकात दिखती है ना ही तारों …
पल दो पल आकर मेरे संग बिताना तुम हो सके तो इस बरसात ठहर जाना तुम तपता जेठ …
क़ुदरत का करिश्मा ज़र्रे ज़र्रे में क़ुदरत का निशाँ पाया ज़मीं को फ़र्श, अर्श को साएबाँ पाया शम्स …
हिंदी कविता संग्रह “अस्थिरता” हिंदी कविता तप आयी है_____ स्थिरता, कुछ शीतल कुछ गर्म पानी की लहरों सी, …
Hindi Poem On Maa मेरे गिरने से उसे चोट आती है, मेरी भूख पे वो बिलख जाती …