रोज की तरह आज भी मैं ऑफिस से निकला !
लेकिन आज बारिश और थोड़े काम की वजह से मुझे 30 मिनट और भी लेट हो गया
मतलब में आज 6.30 से ऑफिस से निकला,
वैसे आज बारिश बहुत तेज है, ये मुझे ऑफिस के बाहर आने के बाद एहसास हुआ,
अचानक मुझे याद आया की मम्मी ने मेरे बेग में रेनकोट रखा है, अब मैने राहत की सास ली और रेनकोट पहना ,
लेकिन बरिश इतनी तेज है की रेनकोट के बाद भी मैं गीला हो गया,
मुझे पूरा अहसास हो रहा है कि मैं अंदर तक गिला हो गया हूं,
वैसे आज की बारिश बहुत ज्यादा तेज है, सयाद में अपनी जिंदगी में पहली मरतबा इतनी तेज बारिश देख रहा हूँ।
बारिश के कारन आज 6 बजे से ही पूरे शहर में अंधेरा हो गया है, और बारिश की वजह से मंडला मुंबई की तरह लग रहा है।
वैसे मुझे क्या मुझे तो अपने घर जाना है , और ये रास्ता 30 किमी की दूरी का है , मैंने देर ना करते हुए अपनी बाइक स्टार्ट की और निकल पड़ा ये रास्ते का मजा लेते हुए,
लेकिन ये बारिश धीरे-धीरे तेज होती जा रही है, थोड़ी दूर आते ही बहुत सारी गाड़ी , लोग मानो सब अपने अपने आसियाने में जाने के लिए बेताब है सबको जल्दी थी आज घर जाने की.
मैं जैसे तैसे शहर के बाहर आया अब में पूरी तरह से बारिश में गीला हो गया हूँ,
वैसे अब मुझे 20किमी का रास्ता और तय करना है लेकिन अब रास्ते में कोई गाड़ी ना हि कोई हलचल थी बस में और कुछ आती जाती गाड़ियां बाकी सब सन्नाटा बरिश की आवाज अब अलग ही सुना दे रही है।
वैसे मुझे आज सुबह से ही बहुत टेंशन था, मेरा दिमाग पूरा गरम था, लेकिन ये बरिश और फिर बरिश में दिखता वो शख्स … ये अब मुझे एक अलग ही दुनिया में लेकर जा चुके हैं।
वो शख्स मुझे बरिश में दिखा … मानो मुझे अपनेपन का एहसास हो रहा है…
वो लड़की उसके खुले बालों के साथ बारिश भीगती हुई पैदल जा रही है…
मुझे विश्वास नहीं हुआ ये, पर जाने क्यों मुझे एक अलग ही अपनेपन का एहसास हो रहा है ना चाहते हुए भी मैंने ये सब अनदेखा करते हुए आगे चल पड़ा,
लेकिन मुझसे रहा न गया मैंने पीछे पलट कर देखा तो वो लड़की जिसे देख कर मुझे अपने पान का एहसास हो रहा था वो सच में बारिश में भीगती हुई पैदल जा रही है अब मुझे लगा की मुझे उसके पास जाना चाहिए,
मैंने अपनी बाइक मोड़ी और उसके पास जाने लगा फिर में रुक गया और रास्ते से आती जाती कुछ गाड़ियों की लाइट से उसे देख रहा था, वो मेरे पास आ रही थी।
और अचानक मेरी मेरी गाड़ी बंद हो जाती है,
मैंने वापस अपनी गाड़ी स्टार्ट की और मैंने देखा कि वो लड़की की अब सिर्फ परछाई दिखाई दे रही है,
मुझे विश्वास नहीं हुआ ये सब, फिर मुझे लगा की सायद ये बरिश ये एहसास सब मेरे मन का वहम है या मैं कोई सपना देख रहा हूं,
और ये सब कुछ मैंने एक सपना समझ कर आगे चल दिया।
लेकिन अब तक बारिश कम न हुई अब बारिश के साथ साथ बिजली चमकने और बादल की आवाज और ये एहसास…
अब रास्ता लगभाग 15 किमी का था मैंने जैसे तैसे कुछ दूर चला वैसे बारिश की वजह से आज रास्ता पूरा शांत था ना ही कोई रास्ते में दिख रहा था, बस बारिश और कुछ एहसास थे।
अब मुझे कुछ दूर चलते ही फिर से एक लड़की बारिश में पैदल जाती हुई दिखी, लेकिन इस बार मैं उसके सीधे पास गया
वैसे अंधेरे की वजह से उसका चेहरा दिखाई नहीं दे रहा था।
मैंने उसे बोला (तेज आवाज में) कहा जा रहे हो इतनी बरिश में,
लेकिन उसने कोई जवाब नहीं दिया सायद ऐसा मुझे लगा ?
उसने बहुत धीमे आवाज में बोला और बारिश तेज इस कारण उसकी आवाज साफ नहीं आ रही थी
उसने फिर से थोड़ा तेज आवाज में बोला मुझे बस थोड़ी दूर ही जाना है क्या तुम मुझे छोड़ दोगे ?
मैंने बोला हाँ तुम बैठो !
इतनी बात में! मैं उसका चेहरा देखना चाह रहा था लेकिन ये संभव न हुआ,
कुछ दूर पर वो मुझे बोलती है गाड़ी रोक दो मुझे उतरना है अब।
वो गाड़ी से उतरी मैंने आस पास देखा ये रास्ता पूरा शांत और अँधेरे से भरा है आस पास कोई घर भी नहीं
उसने मुझे धन्यवाद बोला !
और मैं गहरी सोच में था की ये जाएगी कहा?
और मेरे मन में बहुत सारे सवाल , मुझे उससे पूछने ही वाला था…
लेकिन उसके धन्यवाद बोलते ही वो कहाँ खो गई मुझे दिखाई ही नहीं दे रही है…
मैं एक पल के लिए फिर खो गया की ये अचानक कहाँ चले गई
मैंने उसे आस पास देखा लेकिन मुझे समझ में नहीं आया की वो इतनी जल्दी कहा चले गई…
मुझे लगा सयाद से मेरा सपना है,
बस मैंने फिर गाड़ी स्टार्ट की और जाने लगा अपने घर
ये बरिश और ये एहसास के साथ…
आज इस घटना को 5घंटे हो चुके हैं लेकिन अब भी मुझे ये समझ नहीं आया की ये सच में सच में मेरे साथ ऐसा हुआ या अब भी मैं किसी सपने में हूँ।
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Yrr sach me Real hai kya ye
Kabhi kabhi mujhe bhi ese eahsas hote hain
Writer jii aap jayda sochne lage ho lagta hai
Shayad aaaoko neend ne jarurat hai,
Need poori nahi hui hogi aapki eskaran ese khayal aare hai
Very interesting story
But real h ya Imaginary ?
Ending bahut hi achi hai