क़ुदरत का करिश्मा
फ़लक पर बिना आग का उठता ऐसा धुआँ पाया
ज़िंदा रहने को मिली मुफ़्त में पानी व हवा
पहाड़ों की क़तारों को अपना पासबाँ पाया
रुत बदली, बदले नज़ारे, बदली ज़िन्दगी भी
फ़लसफ़ा-ए-हयात समझाने को ख़िज़ाँ पाया
देखकर ग़िलाफ़ अनाजों पर अश-अश कर उठा
मैंने क़ुदरत की किसी चीज़ को नहीं राएगाँ पाया
रेशमी धागे को एक नन्हे से कीड़े ने बनाया
हैरत है, मोतियों को सीपियों में निहाँ पाया
यह क़ुदरत का करिश्मा ही तो है, जो तुम ने
एक तनावर दरख़्त को एक बीज में पिन्हाँ पाया
इतनी नेमतों से हमें रब ने नवाज़ा है “तबस्सुम”
पर जब बारी शुक्राने की आई ख़ुदको बेज़ुबाँ पाया
Word meaning
ज़र्रे ज़र्रे में = कण कण में
निशाँ = sign, mark
अर्श = आसमान
साएबाँ = छत, शामियाना, canopy
शम्स = सूरज
गोशा-गोशा = कोना-कोना
जहाँ = दुनिया,,,नूर = रौशनी
चराग़ाँ = दीपों से सजी हुई, दीपोत्सव
ज़रख़ेज़ = उपजाऊ,,,,फ़लक = आसमान
पासबाँ = हिफ़ाज़त करने वाला
फ़लसफ़ा-ए-हयात = philosophy of life
ख़िज़ाँ = autumn season, पतझड़ का मौसम
ग़िलाफ़ = cover
अश-अश कर उठना = बेसाख़्ता वाह वाह कह उठना
राएगाँ = बेकार, useless
निहाँ / पिन्हाँ = छुपा हुआ
तनावर दरख़्त = मज़बूत पेड़
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