एक अरसा बीत गया तुम्हारे गम को,
फिर भी तेरी यादों का झोंका
मुझे रुला के चला जाता है बचपन की तरह ।।😥
अकेले में होता हूं तो रो भी लेता हूं ,
चार लोगो के बीच आंसू पी लेता हूं।।
डर लगता है कहीं कोई पूछ ना ले ,
इसलिए आंखो में हाथ लगा के
कुछ चला गया है ये बोल देता हूं।।
फिर भी डर लगता है तेरी यादों से,
कि एक ही झूठ कब तक बोलू।
अब तू ही सिखा झूठ बोलने का हुनर
जैसे मुझ से बोला करता था ।।
बस एक बार आ जाओ
और इन यादों को ले जाओ
वो झूठे वादों को ले जाओ
वो साथ देखे सपने ले जाओ
ये दर्द ले जाओ
और दे जाओ मुझे वो पुराने पल
वापस कर दो मेरी वो खुशी
मेरी वो हसी
लौटा दो मुझे वो पुराने यार
जिनसे मैं तुम्हारे लिए
लड़ लिया करता था
लौटा दो मुझे वो दिन
जब मैं खुद के लिए जिया करता था
लौटा दो मुझे वो बचपन
जब दर्द का मतलब नहीं जाना करता था
जब बेफिक्र जिया करता था….
हां पता है कि
नामुमकिन है तुम्हारे लिए
ये सब लौटा पाना
पर कुछ इस तरह तेरी पलके
मेरी पलकों से मिला दे
चल आंसू तेरे
मेरी पलकों पे ही सजा दे।
तू हर घड़ी हर लम्हा
मेरे साथ रह,
जो भी तेरा गम है
तू उन्हें मेरा पता दे।
कुछ इस तरह फिर से
हमारी रूह को मिला दे।
मुझे गम से तेरा रिश्ता
अच्छा नहीं लगता
मुझे तेरे चेहरे पे
गम अच्छा नहीं लगता
गुज़ारिश है मेरी
इसे चेहरे से हटा दे
कुछ इस तरह तेरी रूह
मेरी रूह से मिला दे
आंसू तेरे सारे
मेरी पलकों पे सजा दे
बस मेरे लिए तू इतना कर दे…
बस मेरे लिए तू इतना कर दे……
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jii thanks